शासन व प्रशासन हाईकोर्ट के आदेशों को हवा में उड़ा रहा सलीम वारसी



सहारा टुडे रामपुर

सलीम खान

 

शासन व प्रशासन हाईकोर्ट के आदेशों को हवा में उड़ा रहा सलीम वारसी
 

 

कार्यक्रम के तहत पूरे प्रदेश मैं व्यापी धरना प्रदर्शन का आदेश राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ऋषि पाल अंबावता जी ने दिया था जिसका पालन करते हुए सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारी मिलक पर गेस्ट हाउस में एकत्र हुए इस मौके पर जिला अध्यक्ष मोहम्मद सलीम वारसी ने कहा कि शासन व प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश को भी हवा में उड़ा रहा है हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश के जिला अधिकारियों व मंत्रियों को आदेश दिया कि 15 दिन के अंदर अंदर किसानों को गन्ने का भुगतान मैं व्याज के कराया जाए लेकिन अधिक अधिकारी जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और किसानों का शोषण करा रहे हैं जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा आज किसानों का बहुत बुरा हाल है दिन बा दिन स्थिति खराब होती जा रही है किसान कर्ज में दबकर आत्महत्या ए करने को मजबूर हो रहा है हमारा देश कृषि प्रधान देश के नाम से जाना जाता है और अन्नदाता मौत को गले लगा रहा है यह हमारे देश के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री  के लिए बड़ी शर्म की बात है जो देश को पाल रहा हो वह अपने आपको मिटा ले उस देश के बादशाह का होना ना होना एक बराबर है इसके बाद सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारी जिला अध्यक्ष मोहम्मद सलीम वारसी के नेतृत्व में मिलक गेस्ट हाउस से शासन व प्रशासन खिलाफ नारेबाजी करते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे बिजली के बढ़े हुए दाम वापस लो वापस लो नया मोटर व्हीकल एक भारी जुर्माना वापस लो आदि नारे लगाते हुए एसडीम की गैरमौजूदगी में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पेशकार को सौंपा ज्ञापन में उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम पहले ही अधिक है ऐसे में और दाम बढ़ाना किसानों मजदूरों का शोषण करना होगा इसलिए बढ़े हुए दाम वापस किए जाएं और उपभोक्ताओं से बिजली विभाग कई तरह से चार्ज वसूल रहा है उसे बंद किया जाए सिर्फ रीडिंग चार्ज का ही बिल लिया जाए अन्य चार्ज बंद किए जाएं वह किसानों को नलकूप कनेक्शन और बिजली मुफ्ती जाए क्योंकि किसानों को इतने महंगे खाद दवाइयां बीज अन्य डीजल सभी चीजों पर बढ़ती महंगाई से फसलों में मुनाफा की जगह घाटा हो रहा है किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह कदम उठाना अति आवश्यक है वह किसानों के लिए नलकूप कनेक्शन का असीमित किया जाए किसानों को कई साल में कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं डीजल महंगा होने से किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण किसानों का खेती से मन उठने लगा है कभी खेती किसान की शान हुआ करती थी लेकिन सरकारों की गलत नीतियों के कारण खेती करना बर्बादी की ओर जा रही है व किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मिलों से मैं 82 कराया जाए क्योंकि किसान बैंक या सरकारी सोसायटी ओं से फसल के लिए लोन लेता है तो बैंक और सरकारी समितियां ब्याज देती हैं और समय से जमा ना होने पर आरसी कार्ड दी जाती है फिर पूरा प्रशासन किसान को प्रताड़ित करता है चीनी मिलों पर भी किसान का पैसा है तो प्रशासन खामोश बैठा है कानून सबके लिए एक बराबर होना चाहिए और किसानों के गन्ने का रेट ₹500 प्रति कुंटल और धान का रेट ₹4000 प्रति कुंटल घोषित किया जाए बढ़ती महंगाई के कारण फसलों में लाभ नहीं हो पा रहा है किसानों की खेती में काम आने वाली सभी चीजों के रेट हर्मा बढ़ा दी जाते हैं तो किसान की फसलों के दाम भी हर छह माह में पढ़ाना चाहिए सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट पर जुर्माना एक्ट किया है इसे वापस किया जाए एक्सीडेंट से मौतें बिना हेलमेट की वजह से नहीं होती बल्कि खराब सड़कों के गड्ढों की वजह से होती हैं पहले सड़क एवं को सही किया जाए इससे तो पुलिस को अवैध वसूली करने का एक और जरिया मिल जाएगा वह 60 वर्ष पूरे कर चुके किसानों को 5000 प्रति महीना पेंशन दी जाए जिससे बुढ़ापे में अपनी जिंदगी काट सकें और पूर्व विधायकों की पेंशन को किसानों के हितों में लगाया जाए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को सीटू के आधार पर लागू की जाए जिससे किसानों के अनाज का मूल्य मिल सके और बार-बार कर्ज माफी की जरूरत ही ना पढ़ सके किसानों का हक किसानों को मिलना चाहिए एक बार पूरी तरह से सभी तरह का किसानों कर्ज माफ किया जाए जिससे किसानों की स्थिति में सुधार हो सके डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में शामिल किया जाए या सरकार ने खाने से लेकर पीने तक मैं जीएसटी में शामिल किया है तो डीजल पेट्रोल को भी जीएसटी में शामिल किया जाए और सभी हटाए जाएं मान्यवर किसानों की स्थिति आज बहुत खराब हो चुकी है इसलिए किसानों के हक में फैसला करना अति आवश्यक है पूरा ध्यान देते हुए सभी बिंदुओं पर कार्रवाई करने की कृपा करें भगवान सिंह बाजवा जगतार सिंह राम बहादुर यादव गुलाम जिलानी मुन्नी इम्तियाज अहमद मोहम्मद आरिफ सैफी द्वारका प्रसाद सर्वेश कुमार सोमपाल गंगवार सेठ जी प्रेम सिंह विजयपाल रामकिशोर मोहम्मद उमर शरीफ अहमद शकील अहमद नाजिर अहमद आदि शामिल है