- 92 साल के वकील परासरन टीम के साथ इसी हफ्ते रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे
- परासरन ने सुप्रीम काेर्ट पहुंचकर खुद फैसला सुनने की ठानी, रात में ही अपने पौत्र विष्णु परासरन के साथ चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे
Dainik Bhaskar
Nov 20, 2019, 01:24 PM IST
नई दिल्ली (पवन कुमार/अमित कुमार निरंजन). अयोध्या मामले में रामलला विराजमान का पक्ष कोर्ट में मजबूती से रखने में 92 साल के वकील के. परासरन का अहम योगदान रहा। फैसले से एक दिन पहले वह दिल्ली से सैकड़ों किमी दूर चेन्नई में आंखों का इलाज करवाने गए थे। फैसला आने की सूचना मिलते ही रात में 2.30 बजे चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे और स्पेशल फ्लाइट से सुबह दिल्ली पहुंच गए।
परासरन की टीम में शामिल वकील श्रीधर पोत्राजुु ने बताया, ''अयोध्या पर फैसले की तारीख का अंदाजा किसी को नहीं था। परासरन आंखों की जांच के लिए चेन्नई गए थे। 8 नवंबर की रात करीब 8.45 बजेे सूचना मिली कि अगले दिन फैसला आएगा। मैंने परासरन को सूचित किया। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर का अपाॅइंटमेंट कैंसिल कर दिल्ली लाैट रहे हैं। पर फ्लाइट नहीं मिली। हमने उन्हें सुझाव दिया कि फैसला सुनकर अपडेट कर देंगे। मगर उन्हाेंने सुप्रीम काेर्ट पहुंचकर खुद फैसला सुनने की ठानी। रात 2.30 उन्हाेंने फोन किया कि वे पौत्र विष्णु परासरन के साथ चेन्नई एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। इसके बाद उनके लिए स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था की, जिसने 5 बजे उड़ान भरी।'' परासरन के लिए ड्रेस और नाश्ता लेकर पाेत्राजु सुबह 8.30 बजेे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे। परासरन ने सिर्फ कमीज बदली। रास्ते में पाेंगल का नाश्ता किया और 9.30 बजे कोर्ट पहुंच गए। फैसले के बाद वह मुस्कुराए।
कोर्ट में खड़े होकर ही दलीलें दीं
पोत्राजु ने बताया कि अदालती कार्यवाही से जुड़ी 20 हजार ज्यादा हार्ड कॉपी स्कैन करके डिजिटलाइज की हैं। उन्हें सार्वजनिक करने पर हैदराबाद के तकनीकी विशेषज्ञों से बात चल रही है। अयाेध्या पर फिल्म बनाने के इच्छुक कुछ प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी संपर्क में हैं। परासरन और उनकी टीम इसी हफ्ते अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएगी। सुनवाई के दाैरान तत्कालीन चीफ जस्टिस गाेगाेई ने परासरन काे बैठकर दलीलें पेश करने की छूट दी थी। पर उन्हाेंने कहा था कि राम के लिए मैं बार की परंपरा के अनुसार खड़ा हाेकर ही दलीलें दूंगा।
बैकअप टीम भी तैयार थी
पाेत्राजु ने बताया कि टीम इस केस काे काम नहीं, बल्कि आराधना के ताैर पर देख रही थी। सभी लाेगाें ने 16-16 घंटे काम किया। कुछ साथी बीमार भी होने लगे थे। हमने बैकअप टीम भी तैयार कर ली थी, ताकि काम प्रभावित न हो।
इंटीरियर डिजायनर से बनवाया था अयोध्या का रंगीन नक्शा
परासरन के साथ 150 से ज्यादा लोगाें की टीम इस मुद्दे पर काम कर रही थी। पोत्राजु ने बताया कि फोटो कॉपी और नक्शा उनके ऑफिस से तैयार हुआ था। उनके पास रंगीन नक्शा नहीं था। इसके लिए परिवारिक मित्र और इंटीरियर डिजायनर आर्किटेक्ट मीतू गोयल की मदद ली। इसे भगवान राम का काम बताकर उन्हाेंने फीस लेने से भी इनकार कर दिया।