- संसद का शीतकालीन सत्र 17 नवंबर से शुरू हुआ, यह राज्यसभा का 250वां सत्र
- मार्शलों की ड्रेस बदलने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सभापति से पूछा- क्या मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं?
- पूर्व सेना प्रमुख मलिक ने कहा- मिलिट्री यूनिफॉर्म की नकल और गैर-सैन्यकर्मी के द्वारा उसे पहनना अवैध
Dainik Bhaskar
Nov 19, 2019, 01:02 PM IST
नई दिल्ली. राज्यसभा के 250वें सत्र के मौके पर मार्शलों की नई ड्रेस को लेकर सेना के पूर्व प्रमुखों और कई राजनेताओं ने आपत्ति जताई। सैन्य अफसरों कहना है कि यह ड्रेस आर्मी की ब्रिगेडियर रैंक और उससे ऊपर की वर्दी से मिलती-जुलती है। इस डार्क ब्लू कलर की ड्रेस में राज्यसभा के मार्शल कैप लगाए नजर आएंगे। जबकि पुरानी ड्रेस का कलर क्रीम था और मार्शल पारंपरिक पगड़ी पहनते थे। राज्यसभा के सूत्रों के मुताबिक, मार्शलों के ड्रेस 5 दशक बाद बदली गई है।
इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा- ''राज्यसभा सचिवालय मार्शलों के लिए नया ड्रेस कोड तमाम सुझावों पर विचार करने के बाद लाया। हमें राजनीति और बेहतर समझ रखने वाले कुछ अन्य लोगों के सुझाव भी मिले हैं। मैंने सचिवालय से इस पर दोबारा विचार करने को कहा है।''
मिलिट्री यूनिफॉर्म की नकल करना अवैध: जनरल मलिक
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने ट्वीट किया, ''मिलिट्री यूनिफॉर्म की नकल करना और किसी गैर-सैन्यकर्मी के द्वारा उसे पहनना अवैध है। यह सुरक्षा व्यवस्था को खतरा है। उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा सचिवालय जल्द कोई उचित फैसला लेंगे।'' इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने भी मार्शलों की ड्रेस को आर्मी जैसी करने को गलत करार दिया।