नतीजे से तमिलनाडु के दल चिंतित, मोदी से ईलम तमिल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील

  • नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गौतबाया राजपक्षे श्रीलंका में मई 2009 में हुई नस्लीय हिंसा के आरोपी रहे हैं

  • तमिलनाडु के दल गौतबाया पर नरसंहार और युद्ध अपराध का मामला चलाने की मांग करती रही हैं

  • गौतबाया श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं, सिविल वॉर के समय देश के रक्षा मंत्री थे



Dainik Bhaskar


Nov 19, 2019, 12:44 PM IST

चेन्नई. श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में गौतबाया राजपक्षे के जीतने पर तमिलनाडु की कई पार्टियों ने चिंता जताई है। राज्य की प्रमुख पार्टियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रीलंका के ईलम तमिल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। ईलम तमिल तमिलनाडु के मूल निवासी माने जाते हैं। ये लोग दशकों पहले श्रीलंका पलायन कर गए थे।


श्रीलंका में 2009 में सिविल वॉर में भारी संख्या में ईलम तमिल मारे गए थे। तब देश के रक्षा मंत्री गौतबाया ही थे। तमिलनाडु की पार्टियां गौतबाया पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में नरसंहार और युद्ध अपराध का मामला चलाने की मांग करती रही हैं।


द्रमुक और इसकी सहयोगी पार्टियों एमडीएमके, विदुतलै चिरुतैगल कच्चि और सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सहयोगी पीएमके ने मोदी से श्रीलंका के तमिलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। 17 नवंबर को श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में गौतबाया ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल की। गौतबाया श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं।